मनरेगा की खुदाई में मजदूरों को मिला सोना-चांदी से भरा बर्तन, आंखो के सामने खजाना देख मजदूरों के उड़े होश

केरल के कन्नूर जिले के चेंगलई गांव में मनरेगा के मजदूर, बारिश के पानी को संग्रहित करने के लिए गड्ढे खोद रहे थे जब उन्हें एक पुराना बर्तन हाथ लगा। पहली नजर में उन्हें आशंका हुई कि यह कोई बम हो सकता है क्योंकि कन्नूर में पहले भी लावारिस वस्तुओं के खोलने पर विस्फोट हो चुके हैं। हालांकि जब मजदूरों ने इसे फेंका तो विस्फोट तो नहीं हुआ परंतु बर्तन से सोने और चांदी के सिक्के और आभूषण बिखर गए।

पुरातात्विक महत्व की खोज

राज्य के पुरातत्व विभाग ने इस खोज की जांच की और उन्होंने पाया कि ये वस्तुएं लगभग 200 साल पुरानी हैं। बर्तन में मिले एक सिक्के को 1826 में ढाला गया था, जिससे पुष्टि होती है कि ये सामग्री काफी प्राचीन है। इसमें 13 सोने के लॉकेट, 17 कानों की बालियां, पांच अंगूठियां और सिक्कों का एक गुच्छा शामिल था जो सभी सोने या चांदी के बने थे।

वैश्विक संपर्क और उनकी पहचान

निदेशक ई. दिनेशन के अनुसार, कुछ सिक्के ऐसे भी थे जिन्हें माना जाता है कि वे वेनिस में ढाले गए थे और इनका निर्माण 1670 से 1700 के बीच किया गया था। ये सिक्के आभूषण के रूप में पहने जाने के लिए एक चेन में बांधे जाते थे। इस खोज में फ्रांसीसी भारत के सिक्के और अरक्कल राजवंश के अली राजा द्वारा इस्तेमाल किए गए सिक्के भी शामिल हैं जो कन्नूर क्षेत्र के एक मुस्लिम राजा थे।

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

यह खोज न केवल पुरातात्विक महत्व की है बल्कि यह भी दर्शाती है कि चेंगलई गांव एक समय में व्यापारिक महत्व का केंद्र रहा होगा। यह क्षेत्र एक नदी के पास स्थित है, जिससे यह व्यापार के लिए एक अनुकूल स्थान रहा होगा। यह खोज कन्नूर के इतिहास में एक नई जानकारी का अध्याय जोड़ती है और संभवतः और अधिक उत्खनन और अध्ययन के लिए एक नया द्वार खोलती है।