खेती-बाड़ी के लिए ट्रैक्टर किसानों का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह न केवल खेती के विभिन्न कामों में मदद करता है बल्कि भारी सामान ढोने और खेतों की जुताई करने में भी इसकी मुख्य भूमिका होती है। हालांकि, गीले खेत और फिसलन भरी जमीन पर ट्रैक्टर को चलाना किसानों के लिए अक्सर चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
ट्रैक्शन की समस्या और बैलस्टिंग की उपयोगिता
गीले और फिसलन वाले खेतों में ट्रैक्टर की पकड़ या ट्रैक्शन कमजोर पड़ जाती है, जिससे ट्रैक्टर का संचालन कठिन हो जाता है। इस समस्या का समाधान बैलस्टिंग तकनीक से किया जा सकता है। बैलस्टिंग में ट्रैक्टर के पिछले टायरों में हवा के स्थान पर पानी भर दिया जाता है जिससे ट्रैक्टर का वजन बढ़ जाता है और वह फिसलन भरी जमीन पर भी आसानी से चल पाता है।
बैलस्टिंग की प्रक्रिया
बैलस्टिंग में ट्रैक्टर के पिछले टायरों में करीब 60 से 80 प्रतिशत तक पानी भरा जाता है। यह प्रक्रिया ट्रैक्टर के समग्र वजन को काफी बढ़ा देती है, जिससे ट्रैक्शन में सुधार होता है और ट्रैक्टर बिना किसी समस्या के चल पाता है। यह तकनीक विशेष रूप से उन मामलों में उपयोगी होती है जब ट्रैक्टर को गीले खेतों में या फिसलन वाली जमीन पर चलाने की आवश्यकता होती है।

बैलस्टिंग के अन्य लाभ
बैलस्टिंग न केवल ट्रैक्शन में सुधार करता है बल्कि यह भारी उपकरणों को उठाने या ढोने के काम में भी मदद करता है। ट्रैक्टर के पिछले पहियों में पानी भरने से इसकी उठाने की क्षमता में वृद्धि होती है, और यह अधिक भारी चीज को आसानी से उठा सकता है। यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों में उपयोगी होता है जहां खेती के दौरान भारी मशीनरी या उपकरणों का इस्तेमाल होता है।