हरियाणा और यूपी समेत इन राज्यों की मंडी में चना रेट में दिखी तेजी, जाने चना के ताजा मंडी भाव

शनिवार को चना के भाव में मंदी दर्ज की गई जिससे किसानों और व्यापारियों के बीच चिंताएँ बढ़ गई हैं। विभिन्न मंडियों में चना के भाव में 50 रुपये से 100 रुपये तक की गिरावट देखी गई। यह गिरावट मौजूदा समय में चना के उत्पादन और बाजार में उसकी मांग के बीच असंतुलन को दर्शाती है।

मौजूदा भाव और बाजार की स्थिति

वर्तमान में सिरसा अनाज मंडी और आदमपुर अनाज मंडी में चना का भाव 6500 रुपये प्रति क्विंटल है। गंजबसोदा मंडी में यह भाव 6650/6600 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है। इसी तरह, हिंगणघाट और शिरपुर मंडियों में भी चना के भाव में थोड़ा अंतर देखा गया, जहाँ पर भाव 6300 रुपये से लेकर 6655 रुपये प्रति क्विंटल तक हैं।

विभिन्न मंडियों में चना के भाव

आइए एक नजर डालते हैं विभिन्न मंडियों में चना के भाव पर:

  • कोटा मंडी: 6500/7070 रुपये प्रति क्विंटल
  • करंजा मंडी: 6500/6800 रुपये प्रति क्विंटल
  • अशोकनगर मंडी: 7000/7050 रुपये प्रति क्विंटल
  • सुमेरपुर मंडी: 6700/6850 रुपये प्रति क्विंटल
  • हैदराबाद बिल्टी: 6750/7200 रुपये प्रति क्विंटल
  • किशनगढ़ मंडी: 6800/6890 रुपये प्रति क्विंटल
  • दर्यापुर मंडी: 6400/6775 रुपये प्रति क्विंटल
  • खातेगाँव मंडी: 6400/6640 रुपये प्रति क्विंटल
  • विदिशा मंडी: 6350/6550 रुपये प्रति क्विंटल

काबुली चना के विशेष भाव

काबुली चना के भाव में भी विशेष अंतर देखा गया है। जावरा मंडी में काबुली चना 9500/10300 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बिका। देवास मंडी में काबुली चना 9050/10305 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बिका। यह दर्शाता है कि काबुली चना की मांग और आपूर्ति का संतुलन अन्य चने की तुलना में भिन्न है।

बाजार विशेषज्ञों की राय और भविष्य की संभावनाएँ

मंडियों में चना के भाव में आई इस गिरावट के बावजूद व्यापारियों और आढ़तियों का मानना है कि आने वाले समय में चना के भाव में उछाल आने की संभावना है। इसका मुख्य कारण चना की बढ़ती मांग और उत्पादन में कमी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर चना की मांग इसी तरह बढ़ती रही और उत्पादन नहीं बढ़ा तो चना के भाव में और तेजी देखने को मिल सकती है।

मौसम और उत्पादन का असर

इस साल चना के उत्पादन में कमी दर्ज की गई है, जो कि मौसम और अन्य प्राकृतिक कारणों का परिणाम है। यह कमी बाजार में चना की उपलब्धता पर असर डाल रही है, जिससे मांग और आपूर्ति के बीच का असंतुलन बढ़ रहा है। किसानों को भी अपने उत्पादन के लिए उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ रहा है।

आने वाले दिनों में भाव का पूर्वानुमान

विशेषज्ञों का मानना है कि चना के भाव में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा, जब तक कि उत्पादन और आपूर्ति में सुधार नहीं होता। आने वाले महीनों में, अगर चना की फसल अच्छी रही तो भाव स्थिर रह सकते हैं, अन्यथा मांग बढ़ने पर भाव में तेजी आ सकती है। किसानों और व्यापारियों को अपनी रणनीतियों में बदलाव करने और बाजार की स्थिति पर नजर रखने की सलाह दी जा रही है।