इस नस्ल की बकरी अपने मालिक को बना देती है मालामाल, मार्केट में इस बकरी की है तगड़ी डिमांड

भारतीय कृषि क्षेत्र में पशुपालन का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है। किसान जहां एक ओर खेती के जरिए अपनी आजीविका चलाते हैं, वहीं पशुपालन उनके लिए अतिरिक्त आमदनी का स्रोत बन जाता है। इसमें गाय, भैंस, और बकरी पालन प्रमुख है, जिससे वे अच्छा मुनाफा कमाते हैं। इस आर्टिकल में हम एक ऐसी बकरी की नस्ल के बारे में बात करेंगे जो न केवल आय का स्रोत है बल्कि इसे पालना भी आसान है।

सोनपरी बकरी

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र क्षेत्र में पाई जाने वाली ‘सोनपरी बकरी’ इस क्षेत्र की एक विशेष पहचान है। यह बकरी अपने आकार और खूबियों के कारण अन्य नस्लों से अलग होती है। इसे मुश्किल परिस्थितियों में भी आसानी से पाला जा सकता है जिससे यह किसानों के बीच बेहद लोकप्रिय है।

इस नस्ल की विशेषताएँ

सोनपरी बकरी की पहचान इसके खास गहरे भूरे रंग और पीठ पर काले खुरदरे बालों की पट्टी से होती है। इसके नुकीले सींग जो पीछे की ओर मुड़े हुए होते हैं इसे और भी खास बनाते हैं। इस तरह की विशेषताएं इसे अन्य बकरियों से अलग करती हैं।

दूध और मांस उत्पादन

सोनपरी बकरी आधा लीटर से एक लीटर तक दूध देती है। यह उत्पादन छोटे किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। इसके अलावा, इस बकरी का मांस भी बाजार में काफी मांग में रहता है, जिससे यह आय का अच्छा स्रोत बन जाती है। इसकी अन्य उत्पादों में चमड़ा और गोबर भी शामिल हैं, जो खेती के लिए खाद के रूप में उपयोगी होते हैं।

प्रजनन क्षमता और रोग प्रतिरोधक क्षमता

सोनपरी बकरी की एक और विशेषता इसकी प्रजनन क्षमता है। यह एक बार में चार बच्चे तक दे सकती है, जो आमतौर पर दो से तीन बच्चे होते हैं। इसके अलावा, इस नस्ल की बकरियों की बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी अन्य नस्लों से अधिक होती है, जिससे इनका पालन और भी आसान और लाभदायक हो जाता है।