इस पेड़ की खेती से 5 साल तक होगी कमाई, किसान भाइयों की हो जाएगी मौज

आज हम आपको एक ऐसे पौधे की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी खेती से न केवल पर्यावरण को फायदा पहुंचता है बल्कि किसानों को भी भारी मुनाफा होता है. जेट्रोफा जिसे डीजल का पेड़ भी कहा जाता है उसकी खेती भारत सहित कई देशों में की जा रही है. इस पेड़ के फल के बीजों से बायोडीज़ल बनाया जाता है जो कि ईंधन के रूप में उपयोग में लाया जाता है.

जेट्रोफा की खेती की प्रक्रिया

जेट्रोफा की खेती करने के लिए विशेष जानकारी और समझ की आवश्यकता होती है. इस पेड़ की खेती मुख्य रूप से बीजों (Seeds) से की जाती है. सबसे पहले जेट्रोफा के बीजों को 24 घंटे के लिए पानी में भिगोना पड़ता है ताकि वे अंकुरित हो सकें. इसके बाद इन बीजों को मिट्टी में लगभग एक सेंटीमीटर की गहराई में बोया जाता है. जेट्रोफा के पौधे को उगाने के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की जरूरत होती है और प्रत्येक पौधे के बीच में उचित दूरी बनाए रखनी चाहिए.

मुनाफे का सौदा

जेट्रोफा की खेती से होने वाला मुनाफा काफी आकर्षक होता है. एक हेक्टेयर जमीन पर खेती करके, किसान 8 से 12 क्विंटल तक बीज पैदा कर सकते हैं. ये बीज बाजार में उच्च मांग (High Demand) में होते हैं क्योंकि इनसे निकाले गए तेल का उपयोग बायोडीज़ल के रूप में होता है. इस प्रकार की खेती से किसान 2 से 4 लाख रुपये तक का नेट प्रॉफिट अर्जित कर सकते हैं.

बायोडीज़ल बनाने की प्रक्रिया

बायोडीज़ल उत्पादन की प्रक्रिया जेट्रोफा के बीजों से शुरू होती है. पहले जेट्रोफा के फलों से बीजों को निकाला जाता है और फिर इन्हें साफ करके एक मशीन में डाला जाता है जहाँ से कच्चा तेल निकाला जाता है. इस कच्चे तेल को आगे प्रोसेस करके बायोडीज़ल में परिवर्तित किया जाता है, जो कि एक ईको-फ्रेंडली ईंधन (Eco-friendly Fuel) है और इसका उपयोग विभिन्न वाहनों में किया जा सकता है.