chanakya niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार पति और पत्नी के बीच कभी भी तीन बातों में संकोच नहीं होना चाहिए. यदि इन चीजों में संकोच होता है तो इससे उनके रिश्ते पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. इसके विपरीत यदि ये संकोच नहीं हैं तो रिश्ते में सदैव खुशियाँ बनी रहती हैं.
अधिकार का प्रयोग बिना संकोच
पति और पत्नी को एक-दूसरे पर अधिकार जताने में किसी तरह का संकोच नहीं करना चाहिए. चाणक्य का कहना है कि जब दोनों एक दूसरे पर अधिकार जताते हैं, तो इससे न केवल रिश्ता मजबूत होता है बल्कि यह बेहतर भी बनता है.
प्यार का खुलकर इजहार
चाणक्य नीति के अनुसार पति और पत्नी को एक दूसरे से प्यार जताने में कभी शर्म नहीं करनी चाहिए. वे जोड़े जो एक दूसरे को प्यार नहीं जता पाते और संकोच करते हैं उनके रिश्ते कमजोर हो जाते हैं.
स्पष्ट बातचीत का महत्व
पति-पत्नी को यदि कोई बात एक दूसरे को नाराज कर रही हो, तो उसे बताने में कभी संकोच नहीं करना चाहिए. खुलकर बात करने से ही रिश्तों में मनमुटाव कम होता है और आपसी समझ बढ़ती है.