आम आदमी पर महंगाई की मार बढ़ती जा रही है। हाल ही में दालों की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद अब सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। विशेष तौर पर टमाटर की कीमतें बढ़कर 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। प्याज और टमाटर की बढ़ती कीमतों पर सरकार ने हाल ही में कहा है कि आंध्र प्रदेश से टमाटर की आपूर्ति शुरू होने के बाद कीमतों में कमी आएगी। सरकार ने यह भी योजना बनाई है कि पिछले साल की तरह सरकारी एजेंसियों के जरिए सब्सिडाइज रेट पर टमाटर और प्याज की बिक्री की जाएगी।
दालों की कीमत में गिरावट
सरकार ने दालों की कीमतों में कमी लाने की दिशा में भी कदम उठाया है। पिछले एक महीने में दालों की थोक कीमत में 4 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है हालांकि इसका असर फुटकर बाजार में अभी तक नहीं दिखा है। इस पर सरकार ने खुदरा विक्रेताओं से ग्राहकों को राहत देने के लिए उचित प्रॉफिट वसूलने की अपील की है।
मुनाफाखोरी के खिलाफ सरकारी कदम
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने दालों के मूल्यों पर चर्चा करने के लिए रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (RAI) के साथ हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में अरहर और चने के लिए स्टॉक लिमिट के अनुपालन की समीक्षा की गई। बैठक में सचिव निधि खरे ने रिटेल मार्केट में गिरावट न देखे जाने पर चिंता व्यक्त की और खुदरा विक्रेताओं को अधिक मुनाफा कमाने से बचने की सलाह दी।
RAI की भूमिका और सरकारी दिशा-निर्देश
RAI, जिसमें 2,300 से अधिक सदस्य हैं और देशभर में 6,00,000 से ज्यादा खुदरा दुकानें हैं, ने भरोसा दिलाया कि वे खुदरा मार्जिन में आवश्यक समायोजन करेंगे। सरकार ने उनसे कहा है कि वे दालों की कीमतों को उपभोक्ताओं के लिए किफायती बनाए रखने में सहायता करें। खरे ने यह भी जोर दिया कि स्टॉक सीमा का उल्लंघन, बेईमानी से सट्टेबाजी और बाजार कारोबारियों की ओर से मुनाफाखोरी के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी, ताकि आम आदमी को महंगाई की इस दबाव से राहत मिल सके।