हरियाणा सरकार ने शहरी क्षेत्रों में फ्लैट्स की बालकनियों के निर्माण को लेकर नए नियम लागू किए हैं। अब से, किसी भी फ्लैट की बालकनी पूरी तरह से बंद नहीं की जा सकेगी; कम से कम एक तरफ इसे खुला रखना अनिवार्य होगा। यह कदम वेंटिलेशन और प्राकृतिक प्रकाश की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से रेलिंग या छोटी दीवार बनाने की अनुमति होगी।
हरियाणा बिल्डिंग कोड में संशोधन
नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग ने हरियाणा बिल्डिंग कोड-2017 में महत्वपूर्ण संशोधन की घोषणा की है। विभाग के निदेशक अमित खत्री के अनुसार, इन संशोधनों का उद्देश्य नागरिकों की सुविधा बढ़ाना और आधुनिक निर्माण की मांगों को पूरा करना है। आमजन और हितधारकों से 15 अगस्त तक आपत्तियाँ और सुझाव मांगे गए हैं जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि नई पॉलिसी सभी के हित में है।
आवासीय इमारतों के लिए नए मापदंड
नए नियमों के अनुसार एक मंजिला आवासीय इमारतों के सामने कम से कम 1.25 मीटर की जगह छोड़नी होगी जबकि दो मंजिला इमारतों के लिए यह दूरी 1.5 मीटर रहेगी। इसके अलावा आंतरिक प्रांगण का क्षेत्रफल कम से कम 12 वर्गमीटर होना चाहिए और बाहरी प्रांगण की न्यूनतम चौड़ाई 2.4 मीटर से कम नहीं हो सकती।

इमारतों की वर्गीकरण और पार्किंग नियम
बिल्डिंगों को अब ‘कम जोखिम’ और ‘उच्च जोखिम’ की दो श्रेणियों में बांटा गया है। विशेष रूप से, 16.5 मीटर तक की ऊंचाई वाले आवासीय और 30 मीटर तक की ऊंचाई वाली औद्योगिक इमारतों को कम जोखिम श्रेणी में रखा गया है। पार्किंग के लिए भी नए मानक निर्धारित किए गए हैं, जैसे कि खुली पार्किंग के लिए निर्धारित स्थान 23 वर्ग मीटर, स्टिल्ट पार्किंग के लिए 28 वर्ग मीटर, और बेसमेंट पार्किंग के लिए 32 वर्ग मीटर होनी चाहिए।